न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिले PM मोदी (फोटो: X)


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की. करीब एक महीने में दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी मुलाकात थी. पीएम मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया था और भारत की ओर से यूक्रेन में जल्द शांति की वापसी के लिए हर संभव तरीके से योगदान देने की इच्छा जताई थी.

‘बिना शांति के विकास संभव नहीं’

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया, ‘राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने हमेशा शांति के रास्ते पर आगे बढ़ने की बात की है. अगर शांति नहीं होगी तो विकास भी नहीं हो सकेगा. युद्ध खत्म होगा या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन सबकी कोशिशें किसी न किसी तरह से युद्ध का अंत ढूंढने पर ही केंद्रित हैं.’

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने उन्हें यह भी बताया कि उनकी अलग-अलग देशों के नेताओं से बात हुई है और इस विषय पर चर्चा होती रहती है. सभी की राय यही है कि हमें किसी भी तरह युद्ध में सीजफायर का रास्ता निकालना होगा और इस संबंध में हमारे प्रयास भी जारी हैं.’

तीन महीने में तीसरी मुलाकात

पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की की बैठक के बारे में विदेश सचिव ने कहा, ‘यूक्रेनी पक्ष की ओर से इस मीटिंग का अनुरोध किया गया था, जिसके बाद यह बैठक हुई. यह दोनों नेताओं के बीच पिछले तीन महीनों में हुई तीसरी बैठक है. दोनों ने कई मुद्दों पर चर्चा की. इस बैठक में रूसी तेल पर कोई चर्चा नहीं हुई.’

जेलेंस्की के निमंत्रण पर पीएम मोदी ने किया यूक्रेन का दौरा

साल 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की वह पहली यूक्रेन यात्रा थी. राष्ट्रपति जेलेंस्की के निमंत्रण पर पीएम मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया था. पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया था कि दोनों नेताओं ने भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी से रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने की दिशा में काम करने में रुचि व्यक्त की है.

क्वाड ने यूक्रेन के हालात पर जताई चिंता

बता दें कि पीएम मोदी अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया, भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया, संयुक्त राष्ट्र में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ में भाषण दिया और कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की.

क्वाड नेताओं की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘हम यूक्रेन युद्ध पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं. युद्ध शुरू होने के बाद से हममें से प्रत्येक ने यूक्रेन का दौरा किया है और इसे खुद देखा है. हम संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप एक स्थायी शांति की जरूरत को दोहराते हैं.’

‘यह युद्ध का युग नहीं है’

भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत की ओर से किए जा रहे शांति प्रयासों का भी जिक्र किया था. न्यूयॉर्क में उन्होंने कहा, ‘आज हमारी साझेदारी पूरी दुनिया के साथ बढ़ रही है. पहले भारत सबसे समान दूरी की नीति पर चलता था. आज भारत सबसे सामान नजदीकी की नीति पर चल रहा है. आज जब भारत ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर कुछ कहता है तो दुनिया सुनती है. मैंने जब कहा कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है’ (This is not the era of war) तो उसकी गंभीरता सबने समझी.’

जेलेंस्की के अलावा न्यूयॉर्क में पीएम मोदी ने नेपाल, कुवैत, वियतनाम और फिलिस्तीन के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. उन्होंने दुनिया की कई प्रमुख कंपनियों के सीईओ के साथ एक गोलमेज सम्मेलन में भी हिस्सा लिया.



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