यूपी के बहराइच में भेड़िया का आतंक जारी है. हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिले के भेड़िया प्रभावित इलाकों का दौरा किया था और अधिकारियों को जल्द से जल्द आदमखोर को पकड़ने का निर्देश दिया था. मगर इस बीच भेड़िये ने फिर से अटैक कर दिया. बीती रात वो एक किसान की बकरी उठाकर भाग गया. जिस इलाके में ये घटना हुई संयोग से वहीं पर सीएम योगी के लिए सभा स्थल बनाया गया था. फिलहाल, सूचना मिलते ही वन विभाग अलर्ट हो गया है. खुद बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह राइफल लेकर गन्ने के खेत में गश्त करते नजर आए.
गौरतलब हो कि बहराइच में करीब तीन महीने से भेड़ियों का आतंक जारी है. आदमखोर भेड़िये अबतक 9 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. दर्जनों को घायल कर चुके हैं. इंसान के साथ-साथ वे पालतू जानवरों पर भी हमला कर रहे हैं. फिलहाल, 5 भेड़िये पकड़े जा चुके हैं. मगर छठा (लंगड़ा भेड़िया) फरार है. जिसके चलते महसी तहसील समेत करीब 50 गांवों में खौफ का माहौल है.
बीती रात (16 अगस्त) भेड़िया महसी के उसी गांव सिसैया चूड़ामणि से एक बकरी को उठा ले गया, जहां दो दिन पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने दौरा किया था. सीएम योगी ने यहां भेड़ियों के हमले के पीड़ित परिवारों से सामूहिक मुलाकात की थी.
इस घटना की जानकारी मिलते ही बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह सैकड़ों ग्रामीणों के साथ बंदूक लेकर सर्च ऑपरेशन के लिए निकल पड़े और घने गन्ने के खेतों में गश्त करने लगे. सूचना पाते ही आनन-फानन में वन विभाग के डीएफओ अजीत सिंह भी ड्रोन कैमरे व जाल के साथ मौके पर पहुंच गए.
बड़ी संख्या में वन कर्मी और ग्रामीण पूरी रात गश्त करते रहे. लेकिन भेड़िया नहीं मिला. हालांकि, वो बकरी जिसे लेकर भेड़िया भागा था वह मृत अवस्था में पड़ी जरूर मिल गई. लोगों का कहना है कि गनीमत रही कि भेड़िया बकरी की जगह किसी बच्चे को उठाकर नहीं ले गया.
ऑपरेशन भेड़िया के तहत वन विभाग ने प्रभावित इलाके को तीन सेक्टर में बांट रखा है. यहां वन विभाग, राजस्व, ग्राम विकास समेत पुलिस की 100 से अधिक टीमें लगातार कॉमबीनग व सर्च ऑपरेशन चला रही हैं. लेकिन लंगड़ा भेड़िया पकड़ से दूर है. वह बेहद चालक है और पिछले एक सप्ताह से वन विभाग को चकमा दे रहा है.
बीते मंगलवार को पांचवा भेड़िया पकड़ा गया था. तब से दो महिलाओं समेत तीन बच्चों पर हुए हमलों से इलाके के लोग बुरी तरह सहमे हुए हैं. पिछले दिनों घाघरा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा जिसके चलते महसी क्षेत्र के नदी से सटे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई थी. जो वन विभाग के लिए सिरदर्द बन गई है. हालांकि गांवों में भरा पानी अब लगभग समाप्त हो चुका है लेकिन घाघरा के कछार के उन इलाकों व खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है जहां भेड़िया छुपा हुआ हो सकता है.