सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव एनकाउंटर के बाद से सपा मुखिया अखिलेश यादव यूपी एफटीएफ (UP STF) पर हमलावर हैं. इस बीच गुरुवार (19 सितंबर) उन्होंने एक बार फिर एसटीएफ पर निशाना साधा. अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि बहराइच में भेड़िये से निपटने के लिए क्यों ना एसटीएफ को भेज दिया जाए.
लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा- बहराइच में ग्रामीणों और बच्चों पर हमला करने वाले भेड़ियों से निपटने के लिए सरकार को एक STF बनाना चाहिए या फिर भेड़ियों का केस भी उसी STF को ट्रांसफर कर देना चाहिए. जो लोग कहते हैं कि देखते ही ठोक दो, कम से कम उस एसटीएफ को यह नया काम देना चाहिए.
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के आने के बाद बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई हुई है, जिससे जानवरों की समस्याएं बढ़ी हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जिन बच्चों की मौत भेड़ियों के हमले में हुई है उनके परिजनों को मुआवजा दिया जाए.
वहीं, अपने ‘मठाधीश और माफिया’ वाले बयान पर सफाई देते हुए अखिलेश ने कहा कि सपा और मैंने कभी भी किसी साधु, महंत, सन्यासी के बारे में कुछ नहीं कहा. इस शब्द के भाव को वो (सीएम योगी) किस रूप में ले रहे हैं, ये वही जानें. हम बस यहीं कहेंगे कि वे हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं हैं, वह मठाधीश मुख्यमंत्री हैं. मेरी और उनकी तस्वीर सामने रख लो देखकर पता चल जाएगा कि मठाधीश कौन है.
ये भी पढ़ें- ‘कुत्ते की दुम की तरह सपा के गुंडे सीधे नहीं हो सकते’, बोले सीएम योगी
इससे पहले अखिलेश यादव ने भेड़ियों के हमले से परेशान जिलों के लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं जानीं. साथ ही घायलों को 25 हजार रुपये व मृतकों के परिजनों को 50000 रुपये का चेक देकर आर्थिक सहायता की. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट के लिए जारी किए गए अरबों रुपये कहां गए. यदि भेड़ियों को नहीं पकड़ पा रहे तो STF को ठोकने के लिए कह दिया जाए.