समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को ‘सरेआम ठोको फोर्स’ करार दिया है. उन्होंने फोर्स में एक खास जाति की तैनाती पर भी सवाल उठाए. इससे पहले सपा प्रमुख एसटीएफ को ‘स्पेशल ठाकुर फोर्स’ भी बता चुके हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि ‘सरेआम ठोको फोर्स’ में तैनात लोगों का आंकड़ा बता रहा है कि ये तथाकथित ‘विशेष कार्य बल’ (विकाब) कुछ बलशाली कृपा-प्राप्त लोगों का ‘व्यक्तिगत बल’ बनकर रह गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने एसटीएफ को लेकर कहा, “जो जनसंख्या में 10 प्रतिशत हैं, उनको 90 प्रतिशत तैनाती और जो जनसंख्या में 90 प्रतिशत हैं, उनको 10 प्रतिशत तैनाती. इसका मतलब, इस बल के इस्तेमाल किए जाने का कोई खास मकसद है, जिसके कारण ऐसी तैनाती हुई है.”
सपा मुखिया ने स्पेशल टास्क फोर्स निर्बलों के खिलाफ बताया है. उन्होंने एसटीएफ का हिंदी में शॉर्ट नाम ‘विकाब’ लेते हुए कहा, “इसके बारे में यूं भी कहा जा सकता है कि बलशालियों द्वारा, बलशालियों के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए, लेकिन निर्बलों के खिलाफ.”
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि उनके इस दावे के बाद कुछ उपेक्षित लोगों को एसटीएफ में पोस्टिंग दी जाएगी. उन्होंने X पर लिखा, ” देखिएगा कि इस आंकड़े के सामने आते ही कैसे अपना मुंह बचाने के लिए शासन-प्रशासन के स्तर पर कॉस्मैटिक उपचार होगा और कुछ उपेक्षित लोगों को दिखावटी पोस्टिंग दी तो जाएगी, लेकिन ‘विशेष प्रयोजन की पूर्ति’ के समय, कोई भी बहाना बनाया जाएगा पर साथ नहीं ले जाया जाएगा.”
‘STF मतलब स्पेशल ठाकुर फोर्स’, सपा नेता बोले- एक ही जाति के लोग मिलकर करते हैं काम
अखिलेश बोले- ‘विकाब’ वाले विकास कैसे कर सकते हैं?
अखिलेश ने अपने पोस्ट के साथ एक चार्ट भी पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि शीर्ष 21 पदों के लिए केवल दो पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) या पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक हैं. जबकि 19 अधिकारी अगड़ी जातियों से हैं. सपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘विकाब’ वाले विकास कैसे कर सकते हैं? उन्होंने तंज कसते हुए कहा यूपी के लिए ‘विकाब’ विकार है.
अखिलेश के बयान पर क्या बोली बीजेपी?
अखिलेश यादव इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि वह ‘अपनी पार्टी द्वारा पोषित’ अपराधियों के खिलाफ एसटीएफ द्वारा की गई कार्रवाई से निराश हैं. इसलिए वह एसटीएफ का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, “अखिलेश सरकार के दौरान पुलिस पर हमले हुए. उनके शासन में एक हजार से अधिक बार पुलिस पर हमले हुए और कई पुलिसकर्मी शहीद हुए. मुख्यमंत्री आवास पर दंगाइयों की आवभगत से पुलिस का मनोबल पूरी तरह टूट गया था.”